हर एक तस्वीर जला दिया मैंने - मेरी कविता
हर एक तस्वीर जला दिया मैंने
हर एक तस्वीर जला दिया मैंनेहाँ अब जाकर तुझे भुला दिया मैंने
बरसो से कसक थी सीने में
अब इस दिल को भी बहला दिया मैंने
ख़त थे तेरे हज़ारों मेरे नाम के
हर एक ख़त को जला दिया मैंने
हाँ अब जाकर भुला दिया मैंने
©Rohit_Yadav
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