ये जो लम्हा है

ये जो लम्हा है लमहो मे यादे हैं
तेरी मोहब्बत की ये खुदा से फरियादे हैं
हर एक चिट्ठी में वो तेरी खुश्बू है
उन खुश्बू में मेरा ठिकाना है
जो तेरी आँखे हैं, एक समंदर हैं
उस समंदर में ही डूब जाना है

ये जो लम्हा है.....

जो तेरा चेहरा है चाँद दीवाना है
उस चंदा को घर में सजाना है
जो तेरे संग हूँ तो लगता फसाना है
अब इस फसाने को सच कर दिखाना है

ये जो लम्हा है..... 

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