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इकबाल अषहर की शायरी

किसी को काटो से चोट पहुंची  ,किसी को फूलो ने मार डाला जो इस मुसीबत से बच गये थे , उन्हे उसूलों ने  मार डाला...                          ❤❤❤❤ लबो को तसबी दू कली से,बदन को खिलता गुलाब लिखूं  मै  खुसबुओ की जुबा समझ  लू तो उसके खत का जवाब लिखूं.. ❤❤❤❤ दायर-ए-दिल मे नया-नया सा  चिराग कोई जला रहा है मै जिसकी दस्तक का मुंतजीर था वो मुझे  वो लम्हा बुला रहा है तमाम  रंगो से जिंदगी के  मेरा तारूफ़ करा रहा है अभी वो मुझको  हँसा  रहा था,अभी वो मुझको  रुला रहा है.. . ❤❤❤❤ अभी वो रोशनी की तलब मे गुम है,मै  खुबुओ की तलाश मे हू मै दायरे  से निकल रहा हू,वो दायरे मे समा रहा है.. सुनो समुन्दर  की शोक लहरो हवा ठहरी है तुम  भी ठहरो वो दूर साहिल पे एक बच्चा  अभी घरोंदे  बना रहा है.. ❤❤❤ ❤ ©Iqbaal_ashar 

राहत इंदोरी की शायरी

फकीरी पे तरस आता है अपने हाकिम की फकीरी पे तरस आता है जो गरीबों से पसीने की कमाई मांगे जुबां तो खोल, नजर तो मिला, जवाब तो दे मैं कितनी बार लुटा हूँ, हिसाब तो दे फूलों की दुकानें खोलो, खुशबू का व्यापार करो इश्क़ खता है तो, ये खता एक बार नहीं, सौ बार करो बहुत हसीन है दुनिया आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो उस आदमी को बस इक धुन सवार रहती है बहुत हसीन है दुनिया इसे ख़राब करूं बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियां उड़ जाएं मैं बच भी जाता तो... किसने दस्तक दी, दिल पे, ये कौन है आप तो अन्दर हैं, बाहर कौन है ये हादसा तो किसी दिन गुजरने वाला था मैं बच भी जाता तो एक रोज मरने वाला था मेरा नसीब, मेरे हाथ कट गए वरना मैं तेरी माँग में सिन्दूर भरने वाला था अंदर का ज़हर चूम लिया अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गए कॉलेज के सब बच्चे चुप हैं काग़ज़ की इक नाव लिए चारों तरफ़ दरिया की सूरत फैली हुई बेकारी है कहीं अकेले में मिल कर झिंझोड़ दूँगा उसे जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा...

Traveler poetry

I have came in your city like a traveller Just give me one chance to meet I have came in your city like a traveller Where is my destination, where is my location where i have to go till morning being separated from you Give me one night to think I have came in your city like a traveller I have hiden those lovely moments in my eyes I have hiden those tears in my eyes Give my eyes a chance to weep I have came in your city like a traveller Today's night, listen to my pain of love listen to the complaint of these tremouring lips Today give a chance to express my thinking I have came in your city like a traveller If you have to forget, why did you accept me ungrateful, why did you love me just give me a chance to ask some questions I have came in your city like a traveller Just give me one chance to meet I have came in your city like a traveller © Rohit_kalamkar

Beautiful girl

I know a beautiful girl, A beautiful girl who is always there, A beautiful girl who always care, A beautiful girl who is  my smile, A beautiful girl whose heart is so fragile, A beautiful girl who is always true, A beautiful girl  who is my best friend, A beautiful girl who is there for me till the end, A beautiful girl who is part of me ever since I know her, A beautiful girl who is whom I will love forever, A beautiful girl whom I call My sister 

पिता की याद

फिर पुराने नीम के नीचे खडा हूँ फिर पिता की याद आई है मुझे नीम सी यादें ह्रदय में चुप समेटे चारपाई डाल आँगन बीच लेटे सोचते हैं हित सदा उनके घरों का दूर है जो एक बेटी चार बेटे फिर कोई रख हाथ काँधे पर  कहीं यह पूछता है- "क्यूँ अकेला हूँ भरी इस भीड मे"  मै रो पडा हूँ फिर पिता की याद आई है मुझे फिर पुराने नीम के नीचे खडा हूँ

कोई दीवाना कहता है

कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है ! मगर धरती की बेचैनी को बस बादल समझता है !! मैं तुझसे दूर कैसा हूँ , तू मुझसे दूर कैसी है ! ये तेरा दिल समझता है या मेरा दिल समझता है !! मोहब्बत एक अहसासों की पावन सी कहानी है ! कभी कबिरा दीवाना था कभी मीरा दीवानी है !! यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आंखों में आँसू हैं ! जो तू समझे तो मोती है, जो ना समझे तो पानी है !! समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नही सकता ! यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नही सकता !! मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले ! जो मेरा हो नही पाया, वो तेरा हो नही सकता !! भ्रमर कोई कुमुदुनी पर मचल बैठा तो हंगामा! हमारे दिल में कोई ख्वाब पल बैठा तो हंगामा!! अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्सा मोहब्बत का! मैं किस्से को हकीक़त में बदल बैठा तो हंगामा

खामोश लब है झुकी है पलके

ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें, दिलों में उल्फ़त नई-नई है,  अभी तक़ल्लुफ़ है गुफ़्तगू में, अभी मोहब्बत नई-नई है।  अभी न आएँगी नींद न तुमको, अभी न हमको सुकूँ मिलेगा अभी तो धड़केगा दिल ज़्यादा, अभी मुहब्बत नई नई है। बहार का आज पहला दिन है, चलो चमन में टहल के आएँ फ़ज़ा में खुशबू नई नई है गुलों में रंगत नई नई है। जो खानदानी रईस हैं वो मिजाज रखते हैं नर्म अपना,  तुम्हारा लहजा बता रहा है, तुम्हारी दौलत नई-नई है। ज़रा सा कुदरत ने क्या नवाज़ा के आके बैठे हो पहली सफ़ में अभी क्यों उड़ने लगे हवा में अभी तो शोहरत नई नई है। बमों की बरसात हो रही है, पुराने जांबाज़ सो रहे है  ग़ुलाम दुनिया को कर रहा है वो जिसकी ताक़त नई नई है।               ©shabeena_adeeb