कन्हैया कुमार पे कुछ शब्द
देशविरोधी नारे लगाने के आरोप में गिरफ्तार किए गए और अब जमानत पर छूटे देशद्रोह के आरोपी जेएनयूएसयू अध्यक्ष कन्हैया कुमार आज हीरो हैं। पर देश को ऐसे हीरोइज्म या हीरो की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह क्षणिक है। यह नायकत्व व्यक्ति की शख्सीयत या उसके काम से उपजा नहीं है। यह नेताओं की ओछी राजनीति, मीडिया और हम-आप जैसे लोगों द्वारा थोपा गया नायकत्व है। कन्हैया को भी इसका अहसास है कि इस नायकत्व के दिन चार ही हैं। शायद तभी उन्होंने अपने भाषण में कहा भी कि भारत में लोग बातें जल्दी भूल जाते हैं।
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